मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
सोमवार, 23 अगस्त 2010
सच...(आशु रचना )
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साबित करने झूठ को होते हैं प्रपंच कई ... इक्कठे कर गवाह सबूत गढ़ गढ़ कहानियां नयी... किन्तु होता नहीं आसां साबित करना सच को , वो तो होता सभी के लिए एक जो हो जाता बस महसूस लिए अपने मौन को ...
1 टिप्पणी:
Hi..
Jo sach hota, wo akatya hai...
usko sabit kya karna...
aur jhooth ko sabit bhi...
aakhir hai kyonkar karna...
Sach to sach rahta hai sada hi...
Jhooth jhooth hi hota hai...
Sach ke aage jhooth to aksar...
haal pe apne rota hai...
Sach ke saath...Mudita ki baat...
Deepak...
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