शुक्रवार, 5 जून 2020

माज़ूर नहीं मैं......


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माज़ूर नहीं मैं ,जो हुक्मरान लोग हैं
अपनी अना में ग़ाफ़िल, परेशान लोग हैं....

इक बेजुबां की भूख को ,ज़ख्मों से भर दिया
इन्सान के लिबास में  , हैवान लोग हैं .....

है वक़्त ठहर जाऊँ,समेटूँ ज़रा खुद को
तन्हाइयों पे मेरी, मेहरबान लोग हैं .....

रहे ख़ुद पे एतमाद,मंज़िल की खोज में
दुश्वारियों से राह की , हैरान लोग हैं ....

इल्ज़ाम तुझपे मुझपे हज़ारों लगा दिए
अपने ही आइने से  ,पशेमान लोग हैं ...

है मुतमईन जहां, जो नहीं हममें राब्ता
ताल्लुक से अपने किस कदर ,अनजान लोग हैं ......

मायने :
माज़ूर - विवश/ helpless
हुक्मरान-हुकुम चलाने वाला/ ruling
अना- अहम/ego
ग़ाफ़िल-मदहोश/unaware
एतमाद-भरोसा/trust
पशेमान-शर्मिंदा/ashamed
मुतमईन-संतुष्ट/satisfied
राब्ता-संपर्क/contact
ताल्लुक-सम्बन्ध/connection

-मुदिता
(05/06/2020)