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हो जाते हैं
महसूस
नेह के नाते,
स्पंदन नहीं
होते
मोहताज
दूरियों के
कभी ...
न हो
फितरत
गर
महसूस
करने की
दिल से ,
रह जाते
अजनबी
एक छत के
नीचे भी
सभी.....
हो जाते हैं
महसूस
नेह के नाते,
स्पंदन नहीं
होते
मोहताज
दूरियों के
कभी ...
न हो
फितरत
गर
महसूस
करने की
दिल से ,
रह जाते
अजनबी
एक छत के
नीचे भी
सभी.....
4 टिप्पणियां:
बिल्कुल सटीक बात कह दी…………………सब महसूस करने से ही तो होता है ।
ek sundar ehsaas,jo sacchai mein lipta hai!
Hi..
Neh ka naata hai man ka..
Man se judta hai sada..
Man agar na sath hon to..
Rishta har hai tutta..
Sundar bhav..
Deepak..
रह जाते
अजनबी
एक छत के
नीचे भी
सभी.....
aur sara jeewan ajnabiyon ki tarh hi kaat dete hain.....
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