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याद में तेरी गिन गिन तारे
मैंने हर रात बितायी ...
मोह पड़ा तुझ पर सौतन का
मेरी सुध तूने बिसराई ...
वशीकरण जाने वो ऐसा
ज्यूँ जादू हो बंगाल का
प्रीत छुपा ली मैंने जग से
ज्यूँ धन कोई कंगाल का
सपनो में ही पा कर तुझको
मन ही मन थी मैं हर्षाई
मोह पड़ा तुझ पर सौतन का
मेरी सुध तूने बिसराई ...
हर वो शै हो गयी है सौतन
जिसने तुझको घेर लिया है
पलकों से पथ चूमा तेरा
पर तूने मुंह फेर लिया है
मजबूरी जानूँ मैं तेरी
फिर क्यूँ आँख मेरी भर आई
मोह पड़ा तुझ पर सौतन का
मेरी सुध तूने बिसराई ...
दुनिया के बेढंग झमेले
मिलन की राहों में रोड़े हैं
बिछोह है अपना सदियों जैसा
संग साथ के दिन थोड़े हैं
स्पर्श की तेरे याद दिलाती
जब जब छू जाती पुरवाई
मोह पड़ा तुझ पर सौतन का
मेरी सुध तूने बिसराई ...
याद में तेरी गिन गिन तारे
मैंने हर रात बितायी ...
मोह पड़ा तुझ पर सौतन का
मेरी सुध तूने बिसराई ...
वशीकरण जाने वो ऐसा
ज्यूँ जादू हो बंगाल का
प्रीत छुपा ली मैंने जग से
ज्यूँ धन कोई कंगाल का
सपनो में ही पा कर तुझको
मन ही मन थी मैं हर्षाई
मोह पड़ा तुझ पर सौतन का
मेरी सुध तूने बिसराई ...
हर वो शै हो गयी है सौतन
जिसने तुझको घेर लिया है
पलकों से पथ चूमा तेरा
पर तूने मुंह फेर लिया है
मजबूरी जानूँ मैं तेरी
फिर क्यूँ आँख मेरी भर आई
मोह पड़ा तुझ पर सौतन का
मेरी सुध तूने बिसराई ...
दुनिया के बेढंग झमेले
मिलन की राहों में रोड़े हैं
बिछोह है अपना सदियों जैसा
संग साथ के दिन थोड़े हैं
स्पर्श की तेरे याद दिलाती
जब जब छू जाती पुरवाई
मोह पड़ा तुझ पर सौतन का
मेरी सुध तूने बिसराई ...
5 टिप्पणियां:
kya baat hai...aaj to ekdum hi aag rang hai...yah sautan par likhne ki kya soojhi?...koi t.v. serial dekha kya :)
jst joking...kavita ke bhaav achhe hain...ekdam sautan ki maari kisi aurat ke.
:) :) अब क्या लिखूं ?
अतुल से पूछ लेती हूँ :):)
वैसे तुम्हारे मन के भाव सुन्दर हैं :):)
रश्मि जी
टी.वी.देखे तो मुद्दतें गुज़र गयीं ...:) ..और कविता में ही अर्थ छुपा है ना....यहाँ सौतन.. किसी स्त्री विशेष नहीं... हर वो शै है जिसने साजन को घेर लिया है... दूसरे आज एक नॉवेल पढ़ के कहातम किया ..आर.के. नारायण का "डार्क रूम " तो प्लाट वहाँ से उठा लिया ....:)...भाव मेरे हैं..विषय बस यूँही चुन लिया :)..शुक्रिया आपने समर्थन दिया
दीदी ,
:) :) :) :).... पूछना पड़ेगा क्या आपको भी ??? :P...वैसे जवाब रश्मि जी की टिप्पणी के जवाब में लिख दिया है मैंने ...
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