मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
बहुत ही खूब.दोनों ही भाव खूबसूरत,चाहे इश्क हक़ीकी हो या मजाज़ी.घुल जाने सेकिन्तु !!तुम्हाराऔरमेरा"मैं "बहुत बढ़िया.सलाम.
gahri baaton ko sahajta se kah diya
मुदिता जी,बहुत ही सुन्दर लगी ये पोस्ट सच कहा है आपने की' मैं' के घुलने पर ही सम्प्पोर्ण प्रकट होता है .......रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
एक टिप्पणी भेजें
3 टिप्पणियां:
बहुत ही खूब.
दोनों ही भाव खूबसूरत,
चाहे इश्क हक़ीकी हो या मजाज़ी.
घुल जाने से
किन्तु !!
तुम्हारा
और
मेरा
"मैं "
बहुत बढ़िया.
सलाम.
gahri baaton ko sahajta se kah diya
मुदिता जी,
बहुत ही सुन्दर लगी ये पोस्ट सच कहा है आपने की' मैं' के घुलने पर ही सम्प्पोर्ण प्रकट होता है .......रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
एक टिप्पणी भेजें