मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
शनिवार, 12 मार्च 2011
गवेषण .....
पाने हेतु सत्य को करता है जो गवेषण , करता नहीं वह कभी पूर्वाग्रही विश्लेषण.. हो जाता है साक्षी वह गुज़रते हुए हर क्षण का, पहुँचता है यूँ उस तक दैविक ऊर्जा का सम्प्रेषण॥
4 टिप्पणियां:
पहुँचता है
यूँ
उस तक
दैविक ऊर्जा का
सम्प्रेषण
बहुत सुंदर राह दिखाई है -
सुंदर रचना .
vishleshan aasaan nahin hota ...
बेहतरीन्…………बिल्कुल सही बात कही है।
आपकी रचनायों का फैन हूँ.
इस लिए यह कहने की भी आज़ादी चाहूंगा कि
रचना अच्छी तो है पर आप के मानदंडो से थोड़ा नीची है.
बुरा लगे तो मुआफ कर दीजिएगा.
सलाम.
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