निम्नलिखित पंक्तियाँ एक ऐसी नायिका के मनोभाव है जिसका साजन बाहिर देश गया हुआ है । एक कोशिश की है अलंकार को प्रयोग करते हुए भावों को दर्शाने की ...
समेट साधन
संपर्कों के,
संजो ली
साँसों में
सम्भावना
संवाद की ...
सिमट आई
सेज पर
सहेज
सुवास
साजन के
साथ की ..
2 टिप्पणियां:
bahut hi achhi buni gayi rachna...
dard saaf jhalak raha hai....
Hi..
Kavita main Mudita mam ki khas shaili alag nazar aa rahi hai..
Sundar kavita..
DEEPAK..
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