सोमवार, 12 अप्रैल 2010

मोती ...

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तेरे
लबों के
सदफ़ ने
बना
दिया है
मोती ...
वरना
बरसात
अश्कों
की
किसी
मोल की
ना होती...

2 टिप्‍पणियां:

Deepak Shukla ने कहा…

Hi..
Wah.. Kya baat hai..

DEEPAK..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

वाह....क्या बात है....यूँ अश्क भी अच्छे लगते हैं :):)