#########
मेरी बेस्ट फ्रेंड जो पिछले २० सालों से मेरे साथ है..और उसके साथ जीवन के हर पल को जिया और विकसित किया है..कुछ सालों के लिए दुनियावी बातों के तहत दूसरे मुल्क जा रही है..मन भीगा हुआ है..दिल से जो उदगार निकले उन्हें कलमबद्ध कर दिया है....मेरी मन: स्थिति आपसे शेयर करके सुकून महसूस होगा ..
विदा के
इस क्षण में
भीग उठी है
पलकें
गुज़र रहे हैं
ज़हन की
गलियों से
वो सारे लम्हें
जो जिए हैं
हमने इक साथ
बरसों
महसूस किये
नामों से परे
छू कर
रूहों को
बांटे हैं हमने
छोटी बड़ी
खुशियाँ
छोटे बड़े
ग़म ,
ना था
कुछ भी
ज्यादा
ना है
कुछ भी
कम ..
वो गृहस्थी की
शुरुआत
और अनाड़ी
से हम ..
बिगाड़
बिगाड़ कर
खाने की
चीज़ें
बनाना
गलती कर
कर के
एक दूजे को
सिखाना
फिर बच्चों के
बचपन में
खुद को भुलाना
उन्ही के
कलापों में
खुद डूब जाना ...
वो सांझे से
सुख दुःख
वो सांझे से
चूल्हे..
वो पींगे
बढ़ाते
घंटों तक
हम झूले
वो सावनी रुत में
सड़क पर
भटकना
बारिश की बूंदों
संग समोसे
गटकना
चिल्लर के बदले
जो टाफी
मिली थी
आधी आधी
खा के
कैसी तृप्ति
मिली थी..
बनी तू थी
संबल
कुछ कमजोर
क्षण में..
स्पंदन
अबूझा है
कण
प्रति कण में
वो जीवन का दर्शन
निरखना
परखना
वो पल पल
में जीना
हर लम्हा
संवरना..
जब शब्दों
से पहले
हम सुन
लेते थे
बातें
वो आनंद
अपना
हम कैसे
बताते ....
चली जायेगी
तू
ये लम्हें
समेटे
संजो लूंगी
मैं भी
तेरी सब
ये भेंटे
पहिया
समय का
तो चलता रहेगा
जुदाई का
ये वक़्त
ढलता रहेगा
जुड़े मन हैं
अपने तो
दूरी कहाँ है..
नज़र में ही
रहने की
मजबूरी
कहाँ है ..
दुआएं हैं मेरी
सदा साथ तेरे
रहेंगे
तेरे हाथ
में
हाथ मेरे..
ये रिश्ता
बना है
समयातीत
हो कर
महकता है
साँसों में
बस प्रीत
हो कर ....
2 टिप्पणियां:
Hi..
Tere gam ke sang aaj..
Hum bhi dukhi hain..
Tere sang aankhen..
Chhalak si uthi hain..
Jo tha bees varshon se har pal tere sang..
Use chhod pana to mushkil bada hai..
Bhale door tumse wo jaye kahin par..
Rahega wo dil main, jahan wo basa hai..
Hain man ke jo rishte wo man hi samjhta..
Bhale muhn se koi na dooje se kahta..
Nahi koi bandhan hai upar se dikhta.. magar wo bandha man se fir bhi hai rahta..
Samay beet kar jo bhi rishta hai banta..
Wo sabse alag ho swatah hi dikhta..
Tabhi dukh jyaada sabhi ko hai hota..
Kisi ka bhi saathi jo usse bichhudta..
Magar ye to jeevan hai, chalta rahega..
Nahi ye hai rukta kisi ke bhi sang main..
Chala aaj tumse bichhud ke jo 'DEEPAK'..
Use jab bhi dhundhoge..
Paaoge..man main..
DEEPAK..
Hi..
Tere gam ke sang aaj..
Hum bhi dukhi hain..
Tere sang aankhen..
Chhalak si uthi hain..
Jo tha bees varshon se har pal tere sang..
Use chhod pana to mushkil bada hai..
Bhale door tumse wo jaye kahin par..
Rahega wo dil main, jahan wo basa hai..
Hain man ke jo rishte wo man hi samjhta..
Bhale muhn se koi na dooje se kahta..
Nahi koi bandhan hai upar se dikhta.. magar wo bandha man se fir bhi hai rahta..
Samay beet kar jo bhi rishta hai banta..
Wo sabse alag ho swatah hi dikhta..
Tabhi dukh jyaada sabhi ko hai hota..
Kisi ka bhi saathi jo usse bichhudta..
Magar ye to jeevan hai, chalta rahega..
Nahi ye hai rukta kisi ke bhi sang main..
Chala aaj tumse bichhud ke jo 'DEEPAK'..
Use jab bhi dhundhoge..
Paaoge..man main..
DEEPAK..
एक टिप्पणी भेजें