मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
मंगलवार, 18 दिसंबर 2018
सजदों का निशाँ
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मोहब्बत में तेरी,
डूबी हूँ इस कदर
जादू है तेरा
या कोई टोना है ....
दाग़ है माथे पर,
तेरे इश्क़ में होने का
सजदों का निशाँ है,
नहीं इसे धोना है ....
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