मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
यदि इस पल में ही जीना सीख लें तो आँखें तो स्वयं ही खुल जाएँगी मन की...सुन्दर अभिव्यक्ति
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यदि इस पल में ही जीना सीख लें तो आँखें तो स्वयं ही खुल जाएँगी मन की...सुन्दर अभिव्यक्ति
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