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दे दिया
जाता है
नाम
जब
एहसास
को
एक
रिश्ते का
झुठला
जाता है
अस्तित्व
भी
प्रेम के
फ़रिश्ते का ...
हो जाते हैं
दफ़न
जिए थे
साथ
जो क्षण ,
करते हुए
एक दूजे का
अन्वेषण ..
रह जाता है
शेष बस
रिश्तों में
बंधा
एक
तुलनात्मक
विश्लेषण ...
घुट जाता है
दम
उस
पृथक
व्यक्तित्व का
देखा था
सपना
जिसने
सह-अस्तित्व का ...
प्रेम
नहीं
कभी
परिभाषाओं
में
ढल
सकता..
बहता
दरिया
कैसे
रह
अविचल
सकता ...
करना है
गर
ह्रदय में
विकसित
प्रेम
के
एहसास
को ...
निर्बन्ध
हो कर ,
करो
सार्थक
खिलती
रूहों के
सहज
प्रयास को ....
.........
दे दिया
जाता है
नाम
जब
एहसास
को
एक
रिश्ते का
झुठला
जाता है
अस्तित्व
भी
प्रेम के
फ़रिश्ते का ...
हो जाते हैं
दफ़न
जिए थे
साथ
जो क्षण ,
करते हुए
एक दूजे का
अन्वेषण ..
रह जाता है
शेष बस
रिश्तों में
बंधा
एक
तुलनात्मक
विश्लेषण ...
घुट जाता है
दम
उस
पृथक
व्यक्तित्व का
देखा था
सपना
जिसने
सह-अस्तित्व का ...
प्रेम
नहीं
कभी
परिभाषाओं
में
ढल
सकता..
बहता
दरिया
कैसे
रह
अविचल
सकता ...
करना है
गर
ह्रदय में
विकसित
प्रेम
के
एहसास
को ...
निर्बन्ध
हो कर ,
करो
सार्थक
खिलती
रूहों के
सहज
प्रयास को ....
.........
2 टिप्पणियां:
sach hi to hai...madhur shabd, sumadhur sandesh
Hi..
Prem ek,
vilakshan ahsaas..
Ek anubhuti..
Khushi ka abhaas..
Ek ankahi si chahat..
Ek avyakt sa pyaar..
Akhon main swapn..
Ek vishwas ka adhaar..
Ek samarpan..
Aatmaon ka milan..
Jeevan ke rang..
Jyon Eshwar ke sang..
Sahi kahti hain aap.. Prem ko rishton main na hi bandha jaye to behtar hai..
Sundar kavita.. hamesha ki tarah..
Deepak..
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