मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
मंगलवार, 14 मई 2019
ज़िद्द.....
************* १) ठानी है गर ज़िद्द तुमने के साथ नहीं अब चलना है, ज़िद पर कायम हैं हम भी हर मोड़ पे तुमसे मिलना है .... २) जीवन के इन रस्तों में किसी ज़िद्द को ठौर नहीं होता, सफ़रे वफ़ा में साथ हैं हम इसमें कोई मोड़ नहीं होता......
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