छोटे छोटे एहसास
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हँसी तेरे होठों की
खिलती है मेरे वजूद में
कसक मेरे दिल से उठ
छलकती है तेरी पलकों पे
ये सांझे से दुख
ये सांझी सी खुशियां
और सांझे से ख्वाब तेरे मेरे
हो गए हैं न सबब
जीने का अपने ......
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हँसी तेरे होठों की
खिलती है मेरे वजूद में
कसक मेरे दिल से उठ
छलकती है तेरी पलकों पे
ये सांझे से दुख
ये सांझी सी खुशियां
और सांझे से ख्वाब तेरे मेरे
हो गए हैं न सबब
जीने का अपने ......
2 टिप्पणियां:
सच में जब अहसास सांझे हो जाते हैं तो जीवन सफल हो जाता है...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
बहुत सुंदर
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