गुरुवार, 10 जनवरी 2019

सांझे से हम

छोटे छोटे एहसास
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हँसी तेरे होठों की
खिलती है मेरे वजूद में
कसक मेरे दिल से उठ
छलकती है तेरी पलकों पे
ये सांझे से दुख
ये सांझी सी खुशियां
और सांझे से ख्वाब तेरे मेरे
हो गए हैं न सबब
जीने का अपने ......

2 टिप्‍पणियां:

Kailash Sharma ने कहा…

सच में जब अहसास सांझे हो जाते हैं तो जीवन सफल हो जाता है...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..

Anita ने कहा…

बहुत सुंदर