बह के
आई है हवा
पूरब से
लायी है
पंखों पे अपने
स्पंदन तेरे
लग गए हैं
पंख अब
ख्वाबों को मेरे
फिर मत कहना
सातवें आसमान पे क्यूँ हो ...!!!! :)
आई है हवा
पूरब से
लायी है
पंखों पे अपने
स्पंदन तेरे
लग गए हैं
पंख अब
ख्वाबों को मेरे
फिर मत कहना
सातवें आसमान पे क्यूँ हो ...!!!! :)
1 टिप्पणी:
अच्छे वजह है सातवें आसमान पे जाने की ...
प्रेम कुछ ऐसा हो होता है ...
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