रविवार, 17 मार्च 2019

सातवें आसमान पर

बह के
आई है हवा
पूरब से
लायी है
पंखों पे अपने
स्पंदन तेरे
लग गए हैं
पंख अब
ख्वाबों को मेरे
फिर मत कहना
सातवें आसमान पे क्यूँ हो ...!!!!  :)

1 टिप्पणी:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अच्छे वजह है सातवें आसमान पे जाने की ...
प्रेम कुछ ऐसा हो होता है ...