मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

लो !अवनि झूम उठी मस्ती में

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आप सभी को वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं ..इस पर्व को प्रकृति अपने ढंग से मनाती है.. जहाँ मनुष्य को करने के लिए कुछ नहीं होता सिवाय प्रकृति के इस उल्लास को आत्मसात करने के ....देवी सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला यह पर्व सुर ,संगीत, रचनात्मकता , आह्लाद का उत्सव है ..आइये जरा कुछ क्षण अपनी व्यस्त ज़िंदगी में रुक कर इस पर्व का आनंद लें प्रकृति के साथ ...

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लो !अवनि झूम उठी मस्ती में
घुल गया वसंत जब हस्ती में
कण कण में छलके पावन हास
मदिर सुगन्धित आया मधुमास
लो ! अवनि झूम उठी मस्ती में

आम्र-कुञ्ज हो गए सुगन्धित
कोयल छेड़ रही है तान
सरसों फूल रही खेतों में
श्रृंगारित कुसुमों पर मुस्कान
उल्लास भरा मन की बस्ती में

लो !अवनि झूम उठी मस्ती में

शीत ऋतु में पात झरे थे
वृक्षों पर कोंपल फूट गयी
नर्म -गर्म पा ताप रवि का
अलसित तन्द्रायें टूट गयी
हो आह्लादित ! रहो न पस्ती में

लो !अवनि झूम उठी मस्ती में



9 टिप्‍पणियां:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बेहतरीन!

आपको भी बसंत पंचमी की शुभ कामनाएं.

सादर

सदा ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर ।

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

लो !अवनि झूम उठी मस्ती में
घुल गया वसंत जब हस्ती में
कण कण में छलके पवन हास
मदिर सुगन्धित आया मधुमास
लो ! अवनि झूम उठी मस्ती में

basant ka swagat itte pyare dhang se..:)
chha gayee aap!

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

लो !अवनि झूम उठी मस्ती में
घुल गया वसंत जब हस्ती में
कण कण में छलके पवन हास
मदिर सुगन्धित आया मधुमास
लो ! अवनि झूम उठी मस्ती में

basant ka swagat itte pyare dhang se..:)
chha gayee aap!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

आम्र-कुञ्ज हो गए सुगन्धित
कोयल छेड़ रही है तान
सरसों फूल रही खेतों में
श्रृंगारित कुसुमों पर मुस्कान
उल्लास भरा मन की बस्ती में

लो !अवनि झूम उठी मस्ती में
ise padhker hum bhi jhoom uthe

Avinash Chandra ने कहा…

सुन्दर, बहुत सुन्दर...कितना मनोहारी वर्णन है.
आपको भी वसंत पंचमी की ढेरों बधाइयाँ

विशाल ने कहा…

बहुत ही बढ़िया.
सलाम.

कुमार संतोष ने कहा…

आम्र-कुञ्ज हो गए सुगन्धित
कोयल छेड़ रही है तान
सरसों फूल रही खेतों में
श्रृंगारित कुसुमों पर मुस्कान
उल्लास भरा मन की बस्ती में

बहुत ही खूबसूरत कविता !
आभार !

Deepak Shukla ने कहा…

Hi..

"Lo avani jhoom uthi masti main..."

Avani sang hum bhi hain jhoome,
Masti man main liye umang...
thand gulabi lekar aaya...
madhumaas dekho vasant...

Sundar Kavita...

Deepak...