ये एहसास एक beauty parlour पर एक पुरुष hair dresser को खातूनों के बाल काटते देख कर हुआ था ... Share कर रही हूँ ॥ :)
तरस जाते हैं हम
किसी की जुल्फें
सँवारने को
फिरा के उंगलियाँ...
और एक वो
संवारते हैं
बिखरी लटों को
फंसा के उँगलियाँ..
रश्क होता है हमें...
देख के खातूनों
से घिरा उनको
हम करें तो रुसवाई
मगर वाह ..!!!
हज्जाम भाई,
आपने भी खूब
किस्मत पायी ...!!!!
तरस जाते हैं हम
किसी की जुल्फें
सँवारने को
फिरा के उंगलियाँ...
और एक वो
संवारते हैं
बिखरी लटों को
फंसा के उँगलियाँ..
रश्क होता है हमें...
देख के खातूनों
से घिरा उनको
हम करें तो रुसवाई
मगर वाह ..!!!
हज्जाम भाई,
आपने भी खूब
किस्मत पायी ...!!!!
1 टिप्पणी:
हा हा हा ....बहुत खूब ..
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