बुधवार, 2 मार्च 2011

हे शिव !! अब आ जाओ तुम

महाशिवरात्रि की असीम शुभकामनाएं

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सदा अधूरी तुम बिन शक्ति
हे शिव ! अब जाओ तुम
कर दो फलित तपस्या मेरी
जीवन रस बरसाओ तुम...

नारीत्व सहज ही खिल जायेगा
अंतस जागृत हो जायेगा
कर स्वीकार यथावत मुझको
स्वयं से मुझे मिलाओ तुम
हे शिव ! अब जाओ तुम ...

बनू संगिनी सदा तुम्हारी
जीवन के हर निमिष निमिष
बन योगित युग्म हर्षित हों हम
मंज़िल तक साथ निभाओ तुम
हे शिव ! अब जाओ तुम

भेद अभेद जीवन का भ्रम है
दिव्य नृत्य ही सत्य क्रम है
कर संसर्ग शक्ति से निज का
वृतुल पूर्ण कराओ तुम
हे शिव ! अब जाओ तुम.....

शिव-शक्ति का मिलन तथ्य है
घटित अद्वैत ही पूर्ण सत्य है
कर समाहित अर्धांग में अपने
पूर्ण ईश्वर बन जाओ तुम
हे शिव ! !अब जाओ तुम .....

7 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

kya leke shiv ko manayen ... aa bhi jao he shiv shanker

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

महाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएँ....बहुत ही सुंदर रचना।

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

भेद अभेद जीवन का भ्रम है

दिव्य नृत्य ही सत्य क्रम है

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शिव शक्ति का मिलन तथ्य है

घटित अद्वैत ही पूर्ण सत्य है



प्रभु आशुतोष की पूजा की पवित्र पंक्तियाँ अद्वितीय हैं !

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

महाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएँ !

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

bhagwan natraj aapki saari ummiden puri kare...:)

ek nayab kavita jo aapne likha :)

सदा ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

Anupama Tripathi ने कहा…

अद्द्वितीय -बहुत सुंदर रचना -
शिव आ ही जायेंगे .