मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
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क्या करते !!!
ना जो तुझपे
ऐतबार करते ,
इन्तेहाई मोहब्बत का
और कैसे
फिर इज़हार करते ......
खूबसुरत इजहार !
बहुत सुंदर सृजन जी
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2 टिप्पणियां:
खूबसुरत इजहार !
बहुत सुंदर सृजन जी
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