रविवार, 21 फ़रवरी 2010

झिलमिल तारे

तारे
झिलमिल

करते
नभ
में
दे देते
ये
ज्ञान ...
हो कितनी भी
सूक्ष्म
रौशनी

करे तिमिर
सम्मान ...

1 टिप्पणी:

संजय भास्‍कर ने कहा…

ये ज्ञान ...
हो कितनी भी
सूक्ष्म
रौशनी
करे तिमिर
सम्मान ...

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।