मंगलवार, 3 नवंबर 2009

भराव

मूँद के आँखें
मूढ़ !!!!!
भरे प्याले में
उन्डेले जा रहा है
तरल
बासी भराव को
बिना किये खाली
कैसे समाएगा
ताजा अमृत
उसमें.....

1 टिप्पणी:

आनंद ने कहा…

सदगुरू को प्रणाम !