एहसास अंतर्मन के

मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..

शुक्रवार, 2 जुलाई 2010

राज़ सृष्टि का....

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हुआ सार्थक जीवन मेरा मिला साथ जो तेरा खुशियों से रीते हाथो को मिला हाथ जो तेरा महसूस किया तेरे होने को हुए जो कम्पन मन में सुना है ...
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बुधवार, 30 जून 2010

आब-ए-वफ़ा...

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पिघलता है जब तुमसा हिम खंड, मोहब्बत की तपिश से उफन उठता है एहसासों से भरा, मेरे दिल का दरिया हो उठता है हर ज़र्रा, हरा भरा, ...
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सोमवार, 28 जून 2010

वक्त के पंख....

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###### वक्त भी थम गया है दरवाजे पे टिकी मेरी नज़रों की तरह आओ न..!! आ कर पंख दे दो इसको मुद्दते हो गयी इसको भी उड़े हुए ...
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रविवार, 27 जून 2010

क्या समझे ..

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सरे-महफ़िल रकीबों  की,उन्हें हम आशना समझे हम उनको देखो क्या समझे थे और वो हमको क्या समझे अयाँ  हो ही गया ,कुछ इस तरह से ,हाल भी उन पर निग...
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शुक्रवार, 18 जून 2010

वार्तालाप-एक माँ का स्वयं से

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नन्ही पदचाप की धीमी सी आहट.. अनदेखे स्पंदनो की प्यारी सी सुगबुगाहट .. पुत्र  की आस में चौथी बार यह आहट है आशंकित है मन ह्रदय...
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मंगलवार, 15 जून 2010

निर्बन्ध प्रयास...

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######### दे दिया जाता है नाम जब एहसास को एक रिश्ते का झुठला जाता है अस्तित्व भी प्रेम के फ़रिश्ते का ... हो जाते हैं...
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सोमवार, 14 जून 2010

छद्म प्रभुता ...

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############ प्रभुता स्वयं की सिद्ध करने को हीन कहा दूजे को तूने गिरा किसी को सोचा ,पहुंचूं , आस्मां को लगूं मैं छूने पर उत्थान...
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मुदिता
ना शायरा हूँ ना लेखिका..बस अंतर्मन के भावों को शब्द दे देती हूँ..जीवन को जितना जाना समझा है उसके आधार पर कुछ बाँटने की कोशिश की है.. और समझने की प्रक्रिया जारी है
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