एहसास अंतर्मन के

मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..

बुधवार, 20 मार्च 2024

हँस के मिल लें..

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हँस के मिल लें अब रक़ीबों ,अचकचाहट छोड़ दें भर लें खुद में बस मोहब्बत,तिलमिलाहट छोड़ दें .. है भले ही जग ये धोखा , हर कदम पे घात है अहल-ए-दिल क...
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बुधवार, 6 दिसंबर 2023

है तब्बसुम में तू मौला.....

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  क्यूँ भटकते राह-ए-इश्क , झूठे वस्ल की चाह में है तब्बसुम में तू मौला , तू ही तो हर आह में .... दे रही जो ज़ख्म दुनिया उनसे क्या है वास्ता म...
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शनिवार, 19 नवंबर 2022

कभी ना बिछड़ने के लिए .....

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########  मूँदते ही पलक खिल उठते हैं  गुलाबी फूलों से सपने  मदिर मधुर एहसास  होने का तेरे उतर आता है वजूद में मेरे हो जाती हूँ मैं खुद चमन ह...
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रविवार, 6 नवंबर 2022

कभी तो...!!!!!

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########## उतरा था एक साया  रूह की गहराइयों में नज़र की शुआओं से छलक जाए कभी तो.....!! उतर आई है नफ़स में मौसिकी उसकी , ख़ुमार हस्ती पे गर  ...
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सोमवार, 26 सितंबर 2022

नूर तेरा …

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  ####### हर सिम्त है बिखरा नूर तेरा  हर शै में तू ही समाया, ढूंढ रहे तोहे मंदिर मस्जिद  जग पगला भरमाया..... ओस की बूँदें हरी दूब पर  नमी ते...
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शुक्रवार, 2 सितंबर 2022

है तू इक ख़ार ….

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************* वहमों गुमाँ की हद से परे,तुझ पे यूँ  एतबार मिलने का न था वादा मगर, दिल को इंतज़ार... तस्सवुर में तेरे गुजरी थी शब,लेते हुए करव...
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शनिवार, 20 अगस्त 2022

एतबार तो है ....

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************* निगाह मिले न मिले, इज़हार तो है लब खुले न खुले , इक़रार तो है.... सजा के बैठे हैं ,दिल के चमन को गुल खिले न खिले ,इंतज़ार तो है.....
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मुदिता
ना शायरा हूँ ना लेखिका..बस अंतर्मन के भावों को शब्द दे देती हूँ..जीवन को जितना जाना समझा है उसके आधार पर कुछ बाँटने की कोशिश की है.. और समझने की प्रक्रिया जारी है
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