सोमवार, 22 अक्टूबर 2012

राधा हूँ मैं....



"राधा हूँ
मैं,
पाया है
मैंने
स्वयं में
कृष्ण को,
हुआ है
घटित
सहज समर्पण
जा कर परे
नीतियों
एवं
युक्तियों से ......

1 टिप्पणी:

  1. समर्पण में नीतियाँ और युक्‍तियाँ बेदर हो जाती हैं ! सुंदर भाव !

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