मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
गहन सशक्त एहसास अंतर्मन के ....
बहुत सुंदर भाव और उनकी अद्भुत अभिव्यक्ति ॰
वाह! मुदिता जी,कमाल की अभिव्यक्ति है आपकी,सीधी सीधी,सरल सपाट.मेरे ब्लॉग पर आप आयीं,इसके लिए बहुत बहुत आभार आपका.
जीवन जीने की स्वतंत्रता सबका अधिकार है..उसे खोकर किसी के विश्वास को कायम रखना ....मुझे नहीं लगता जिसका विश्वास इतना कमज़ोर हो की वो आजादी से जीने न दे...तो उस का टूटना बेहतर .सुन्दर रचना .
विश्वास करना है तो करो नहीं तो यह दूसरे की प्रोब्लम है :):) सटीक अभिव्यक्ति
गहन भाव लिए एक सशक्त रचना ! विश्वास स्वयं पर हो ऊपर वाले पर हो तो बाकी सब खुदबखुद होता चला जाता है....
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...बधाई स्वीकारेंनीरज
गहन सशक्त एहसास अंतर्मन के ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव और उनकी अद्भुत अभिव्यक्ति ॰
जवाब देंहटाएंवाह! मुदिता जी,कमाल की अभिव्यक्ति है आपकी,
जवाब देंहटाएंसीधी सीधी,सरल सपाट.
मेरे ब्लॉग पर आप आयीं,इसके लिए
बहुत बहुत आभार आपका.
जीवन जीने की स्वतंत्रता सबका अधिकार है..उसे खोकर किसी के विश्वास को कायम रखना ....मुझे नहीं लगता जिसका विश्वास इतना कमज़ोर हो की वो आजादी से जीने न दे...तो उस का टूटना बेहतर .सुन्दर रचना .
जवाब देंहटाएंविश्वास करना है तो करो नहीं तो यह दूसरे की प्रोब्लम है :):) सटीक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंगहन भाव लिए एक सशक्त रचना ! विश्वास स्वयं पर हो ऊपर वाले पर हो तो बाकी सब खुदबखुद होता चला जाता है....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज