मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
बहुत ही बढ़िया। -----कल 29/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
मुदिता जी,आपकी हमेशा की तरह एक और सुन्दर प्रस्तुति है यह.कम शब्दों में गहन बात व्यक्त करती.मुदिता जी,क्या मुझसे आप नाराज हैं?बहुत समय से आपका इंतजार कर रहा हूँ अपने ब्लॉग पर.कोई गल्ती हो गई हो तो क्षमा कीजियेगा,प्लीज.
कुछ ही शब्दों में गहरी बात ... समय से ज्यादा कोई नहीं है ... उससे आगे कोई नहीं है ... बहुत खूब ...
bahut prabhavshali rachna...aisa hi hai samay
बेहद गहन रचना
बहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई |आशा
सच..वक्त से बलवान कोई नहीं.
वाह ! वक्त को खूब समझा और समझाया है आपने, वक्त की कीमत को जानने वाले ही कुछ कर पाते हैं...
BAHUT ACHCHHI RACHNA MUDITA JI...BADHAI SWIIKAREN
बहुत ही बढ़िया।
जवाब देंहटाएं-----
कल 29/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
मुदिता जी,आपकी हमेशा की तरह एक और सुन्दर प्रस्तुति है यह.कम शब्दों में गहन बात व्यक्त करती.
जवाब देंहटाएंमुदिता जी,क्या मुझसे आप नाराज हैं?
बहुत समय से आपका इंतजार कर रहा हूँ अपने ब्लॉग पर.कोई गल्ती हो गई हो तो क्षमा कीजियेगा,प्लीज.
कुछ ही शब्दों में गहरी बात ...
जवाब देंहटाएंसमय से ज्यादा कोई नहीं है ... उससे आगे कोई नहीं है ... बहुत खूब ...
bahut prabhavshali rachna...aisa hi hai samay
जवाब देंहटाएंबेहद गहन रचना
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा
सच..वक्त से बलवान कोई नहीं.
जवाब देंहटाएंवाह ! वक्त को खूब समझा और समझाया है आपने, वक्त की कीमत को जानने वाले ही कुछ कर पाते हैं...
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