रविवार, 28 अगस्त 2011

वक्त....

देखो..!
समझो..!
जानो ..!
और मानो...!!

नहीं है वक़्त से
बड़ा हिसाबी
कर्मों का कोई ...
दे देता है सजा
वह ,
खुद के
इस क्षण को
बर्बाद
करने वालों को,
हो कर
अप्राप्य उन्हें
अगले ही क्षण .....!!






9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही बढ़िया।
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    कल 29/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  2. मुदिता जी,आपकी हमेशा की तरह एक और सुन्दर प्रस्तुति है यह.कम शब्दों में गहन बात व्यक्त करती.

    मुदिता जी,क्या मुझसे आप नाराज हैं?

    बहुत समय से आपका इंतजार कर रहा हूँ अपने ब्लॉग पर.कोई गल्ती हो गई हो तो क्षमा कीजियेगा,प्लीज.

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  3. कुछ ही शब्दों में गहरी बात ...
    समय से ज्यादा कोई नहीं है ... उससे आगे कोई नहीं है ... बहुत खूब ...

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  4. बहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई |
    आशा

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  5. सच..वक्त से बलवान कोई नहीं.

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  6. वाह ! वक्त को खूब समझा और समझाया है आपने, वक्त की कीमत को जानने वाले ही कुछ कर पाते हैं...

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