गुरुवार, 3 जून 2010

कृष्ण: ---- एक सम्पूर्ण उपासना


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कृष्ण:----एक सम्पूर्ण उपासना

( क + ऋ+ ष + ण+ अ + : )

नहीं है कृष्ण
नाम ही केवल
हर अक्षर
में निहित
अर्थ है
'क' सूचक है
कमलकांत का
लक्ष्मीपति का
जो प्रतीक है

'ऋ' ध्वनि
होती
रकार की ,
राम नाम
को साधे
साधक
'ष' सूचक
षष्ट का
होता है,
ऐश्वर्यपति
विष्णु का
वाचक ...

'ण' या 'न'
नृसिंह का
द्योतक
मन प्राणों
का
बनता
बोधक
'अ' प्रतीक है
अग्नि तत्व का
है प्रमुख इस
जीवन सत्व का
' :' विसर्ग बना
द्विज बिंदु
मिल के
हैं प्रतीक जो
नर नारायण के

एक नाम में
सिमट गए हैं
लक्ष्मीपति,
राम और
नृसिंह
निहित आवाहन
इसी नाम में
सर्व संहारक
अग्नि का भी
नर-नारायण
देवदूत से
करते पूर्ण
ईश सुमिरन को
कृष्ण नाम
सम्पूर्ण उपासना
पावन कर दे
मानव मन को
 
...................
 
 

3 टिप्‍पणियां:

  1. Hi..

    Ab tak Krishn ki mahima jani..
    Aaj naam bhi jana hai..
    Krishn naam main base hain kitne..
    Devon ko pahchana hai..

    Gyan humara kachcha tha jo..
    Kuch to ab paripurn hua..
    Jisne "KRISHN" ko jana hai wo..
    Apne main sampurn hua..

    Bahut bahut dhanyawad,..aapka..etni gyanvardhak rachna prastut karne ke liye..

    JAI SHRI KRISHN

    DEEPAK..

    जवाब देंहटाएं
  2. Hi..

    Ab tak Krishn ki mahima jani..
    Aaj naam bhi jana hai..
    Krishn naam main base hain kitne..
    Devon ko pahchana hai..

    Gyan humara kachcha tha jo..
    Kuch to ab paripurn hua..
    Jisne "KRISHN" ko jana hai wo..
    Apne main sampurn hua..

    Bahut bahut dhanyawad,..aapka..etni gyanvardhak rachna prastut karne ke liye..

    JAI SHRI KRISHN

    DEEPAK..

    जवाब देंहटाएं
  3. Waaah Mudita ji
    aapki jitni bhi tareef ki jaye kam hai...madhav ko aise pakda hai aapne ki sare or-chhor...samet liye
    bahut khoob !

    जवाब देंहटाएं