सोमवार, 24 अगस्त 2020

मुट्ठी में रेत....


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मुट्ठी से रेत की मानिंद

फिसलते वक़्त में 

तेरे विसाल का 

वो लम्हा

जा गिरा था

रूह की सदफ़ में .....


अब तलक रोशन है

वजूद मेरा 

उस लम्हे के 

गौहर से....!!


सदफ़-सीप

गौहर-मोती

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