मन के भावों को यथावत लिख देने के लिए और संचित करने के लिए इस ब्लॉग की शुरुआत हुई...स्वयं की खोज की यात्रा में मिला एक बेहतरीन पड़ाव है यह..
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मुट्ठी से रेत की मानिंद
फिसलते वक़्त में
तेरे विसाल का
वो लम्हा
जा गिरा था
रूह की सदफ़ में .....
अब तलक रोशन है
वजूद मेरा
उस लम्हे के
गौहर से....!!
सदफ़-सीप
गौहर-मोती
नमस्ते, आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 25 अगस्त 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वाह
वाह!अद्भुत !!
वाह बेहतरीन
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति।सादर
उम्दा !!!
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 25 अगस्त 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वाह
जवाब देंहटाएंवाह!अद्भुत !!
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसादर
उम्दा !!!
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