रविवार, 7 अक्टूबर 2018

यूँही बेबात

***********

मिल जाना अपना
यूँ ही बेबात
और फिर
कभी ना ख़त्म होने वाली
बातों की शुरुआत,
परे है
हर मन्तक
और
बहस मुसाहिबे से....😊

1 टिप्पणी: