हृदय तार के सुर पे साथी
मिल कर जीवन गीत लिखा है
अपरिमित अश्रु-जल सिंचित कर
अधरों पर यह हास खिला है ....
जो कल तूफां के तेवर थे
बने वही आधार हमारे
निर्मल मन और सहज मार्ग से
भ्रम जनित व्यवहार थे हारे
प्रेम सूर्य से छंटा कुहासा
स्पष्ट दृष्टि सन्मार्ग मिला है ...
हृदय तार के सुर पे साथी
मिल कर जीवन गीत लिखा है ....
अंधियारी रजनी के डर से
विचलित नहीं होना है हमको
दृढ क़दमों से संग चलें हम
पल पल विकसित होना हमको
ना मैं ही 'मैं', ना तू 'तू ' है
'हम' में अमिट अस्तित्व दिखा है ..
हृदय तार के सुर पे साथी
मिल कर जीवन गीत लिखा है ....
सकल चेतना रहे सजग नित
उलझे क्यों किसी व्यवधान में
समझें धर्म-अर्थ-काम -मोक्ष को
उतरें तन्मय स्वध्यान में
जन्मों की है सतत साधना
जग का हर भेद-विभेद मिटा है ...
हृदय तार के सुर पे साथी
मिल कर जीवन गीत लिखा है ....
मिल कर जीवन गीत लिखा है
अपरिमित अश्रु-जल सिंचित कर
अधरों पर यह हास खिला है ....
जो कल तूफां के तेवर थे
बने वही आधार हमारे
निर्मल मन और सहज मार्ग से
भ्रम जनित व्यवहार थे हारे
प्रेम सूर्य से छंटा कुहासा
स्पष्ट दृष्टि सन्मार्ग मिला है ...
हृदय तार के सुर पे साथी
मिल कर जीवन गीत लिखा है ....
अंधियारी रजनी के डर से
विचलित नहीं होना है हमको
दृढ क़दमों से संग चलें हम
पल पल विकसित होना हमको
ना मैं ही 'मैं', ना तू 'तू ' है
'हम' में अमिट अस्तित्व दिखा है ..
हृदय तार के सुर पे साथी
मिल कर जीवन गीत लिखा है ....
सकल चेतना रहे सजग नित
उलझे क्यों किसी व्यवधान में
समझें धर्म-अर्थ-काम -मोक्ष को
उतरें तन्मय स्वध्यान में
जन्मों की है सतत साधना
जग का हर भेद-विभेद मिटा है ...
हृदय तार के सुर पे साथी
मिल कर जीवन गीत लिखा है ....
बहुत सुंदर जीवन गीत लिखा है .... :)
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना
ह्रदय के तार पर बहुत सुंदर गीत लिखा है आपने ! बधाई मुदिता जी !
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat... har pankti lajabab:)
जवाब देंहटाएंहृदय तार के सुर पे साथी मिल कर जीवन गीत लिखा है ....