मंगलवार, 1 फ़रवरी 2011

राहत-चाहत

होती है
साथ रहने में
जिसके
लौकिक राहत ...
नहीं होती
क्यूँ
उसके
दिल में
साथ होने की
चाहत ....
पनपती है
साथ उसका
पाने की
चाहत...
मिल जाती है
रूह को
जिससे,
अलौकिक
राहत

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