बुधवार, 5 जनवरी 2011

विचार और विकास ..


######

नहीं हुआ होता
विकास
मानवता का
यदि
नहीं आया होता
विचार
एक वानर को
चल कर
देखने का
दो पैरों पर ...
माना होगा
उसको
विद्रोही
साथी वानरों ने
हँसी भी उड़ाई होगी
किन्तु
उस एक विचार ने
कर दिया
पूरी एक सभ्यता को
विकसित ...
करने को विकास
बंद करना होगा
आँख मूँद कर
स्वीकार करना
सदियों की
मान्यताओं को ...
बनना होगा
जिज्ञासु
हर सिखाई
जा रही बात
की जड़ों को
समझने
के लिए
और
अपनाना होगा
अपने विचारों की
कसौटी पर
खरी उतरने वाली
बात को
तभी होगी
विकसित
भीतर की
अनन्य संभावनाएं
और विकसित होगा
एक व्यक्तित्व
जिससे बनता है
समाज ,
शहर
देश ,
संसार और
ब्रह्माण्ड भी .....

6 टिप्‍पणियां:

  1. अपनाना होगा
    अपने विचारों की
    कसौटी पर
    खरी उतरने वाली
    बात को
    तभी होगी
    विकसित
    भीतर की
    अनन्य संभावनाएं
    और विकसित होगा
    एक व्यक्तित्व
    जिससे बनता है
    समाज ,
    शहर
    देश ,
    संसार और
    ब्रह्माण्ड भी .....

    सुंदर रचना -
    मन के अंतर्द्वद्व को जागृत कर गयी -
    -

    जवाब देंहटाएं
  2. विद्रोही,विकासशील.....वाह वाह.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना ।

    जवाब देंहटाएं
  4. मुदिता जी,

    बहुत सच कहा है आपने.....भीड़ में चलने वाले कभी कहीं नहीं पहुँचते ......जो पहुंचे वो अकेले ही चले थे..... बहुत शानदार पोस्ट....शुभकामनायें |

    जवाब देंहटाएं