बुधवार, 3 अक्टूबर 2018

बेतकल्लुफ दोस्त


***************
कोई वक़्त 
मुकर्रर कर दे 
यादों का अपनी 
बेवक़्त चली आती हैं 
हवाओं में खुशबू सी
बेतकल्लुफ दोस्त की मानिंद.....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें