गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

आसमान

आसमान ...####

देखो ना!
कैसी फितरत है
आसमान की भी ...
कभी पसर जाता है
अपनी अंतहीन सीमाओं
के साथ
छोटी सी
एक छत की जगह
और
कभी !
असीम विस्तार को लिए
सिमट आता है
जैसे एक छत कोई ......!!!


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