tag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post7200332588670594722..comments2024-03-27T12:38:50.758+05:30Comments on एहसास अंतर्मन के: अध जल गगरी......मुदिताhttp://www.blogger.com/profile/14625528186795380789noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-3084045667702258582010-11-23T11:50:41.407+05:302010-11-23T11:50:41.407+05:30छलक से मत निश्चित कर लेना
कौन है कितना भरा यहाँ पर...छलक से मत निश्चित कर लेना<br />कौन है कितना भरा यहाँ पर<br />तुला पे मन की तोल भी लेना<br />वज़न है क्या कुछ कोई वहाँ पर !!!!!<br /><br />बेहतरीन अभिव्यक्ति।अनूठी रचना..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-76665276713365465282010-11-21T15:55:52.709+05:302010-11-21T15:55:52.709+05:30एक पुरानी कहावत भी है “अधजल गगरी छलकत जाये.” अच्छा...एक पुरानी कहावत भी है “अधजल गगरी छलकत जाये.” अच्छा लिखा है आपने.अश्विनी कुमार रॉय Ashwani Kumar Royhttps://www.blogger.com/profile/01550476515930953270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-28749403791693096682010-11-18T16:26:28.280+05:302010-11-18T16:26:28.280+05:30सच्ची बात...सहज शब्द...अनूठी रचना...वाह...बधाई
नी...सच्ची बात...सहज शब्द...अनूठी रचना...वाह...बधाई<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-87494635104768392642010-11-18T12:36:21.381+05:302010-11-18T12:36:21.381+05:30छलक से मत निश्चित कर लेना
कौन है कितना भरा यहाँ पर...छलक से मत निश्चित कर लेना<br />कौन है कितना भरा यहाँ पर<br />तुला पे मन की तोल भी लेना<br />वज़न है क्या कुछ कोई वहाँ पर !!!!!<br />इन अन्तिम पंक्तियों मे ही सारा सार छुपा है……………बेहतरीन अभिव्यक्ति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-64011177670884190472010-11-18T11:25:02.097+05:302010-11-18T11:25:02.097+05:30मुदिता जी
नमस्कार !
बहुत समय बाद आपके यहां पहुंचा...मुदिता जी <br />नमस्कार !<br />बहुत समय बाद आपके यहां पहुंचा हूं , पुरानी कई पोस्ट्स भी पढ़ी हैं अभी । निरंतर अच्छे सृजन-प्रयासों के लिए साधुवाद !<br /><br />छलक से मत निश्चित कर लेना<br />कौन है कितना भरा यहाँ पर<br />तुला पे मन की तोल भी लेना<br />वज़न है क्या कुछ कोई वहाँ पर !!!!!<br />… प्रस्तुत कविता भी बहुत भावनात्मक संवेदनाओं की अभिव्यक्ति है …<br /><br /><br />आप स्वस्थ ,सुखी हों,हार्दिक शुभकामनाएं हैं …<br />-संजय भास्करसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com