tag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post6660189406660990764..comments2024-03-27T12:38:50.758+05:30Comments on एहसास अंतर्मन के: सुगंध मेरी माटी की ..मुदिताhttp://www.blogger.com/profile/14625528186795380789noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-90458225349503695772011-08-04T11:32:58.860+05:302011-08-04T11:32:58.860+05:30मुदिता जी,
हर कदम आपकी रचनाएँ महसूसती है जीवन को ,...मुदिता जी,<br />हर कदम आपकी रचनाएँ महसूसती है जीवन को , आपके शब्द सच में धड़कते हैं, हमरे देश का दुर्भाग्य है की आप जैसे कलम के और भावों के धनि को कभी पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाता मगर आप सच में युगों तक रहेंगी इस धरती पर इन शब्दों के द्वारा.<br />आपका एक प्रशंसक !आनंदhttps://www.blogger.com/profile/06563691497895539693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-80091763882671444562011-03-29T15:28:47.719+05:302011-03-29T15:28:47.719+05:30मुदिता जी आपने माटी से अपने जुड़ाव को बहुत शिद्दत ...मुदिता जी आपने माटी से अपने जुड़ाव को बहुत शिद्दत से लफ़्ज़ों में ढाला है... मेरी बधाई स्वीकारें<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-14349828424578073342011-03-28T09:19:59.718+05:302011-03-28T09:19:59.718+05:30मुदिता जी.....जज़्बात पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से...मुदिता जी.....जज़्बात पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से आभारी हूँ.....अज़ल और अजल में फर्क का मुझे पता नहीं था....आपने इस और ध्यान दिलाया इसका शुक्रिया आगे से ध्यान रखूँगा......रही बात नाम की तो मेरे ब्लॉग में सबसे ऊपर लिखा है शायद आपने ध्यान नहीं दिया ....इस दहलीज़ पर सिर्फ जज्बातों की अहमियत है नामों की नहीं.....हो सके तो नामों से ऊपर उठें और जज्बातों में डूबिये......आपने खुद कहा यहाँ मैं खुद भी लिखता हूँ पर क्या आपको कहीं मेरा नाम लिखा दिखा? ......नहीं न....<br /><br />अगर ग़ज़ल में कहीं तखल्लुस का इस्तेमाल हुआ है तो वो ज़रूर आएगा.......और यकीन जानिए मैं इसका श्रेय नहीं लेता......मेरा मकसद सिर्फ इतना है की हम तेरा और मेरा से हटकर रचना में मिहित जज्बातों पर गौर करें......आप मेरे ब्लॉग के बारे में पढेगी तो मैंने ये सब वहां पहले ही लिखा हुआ है .........एक बार फिर से शुक्रिया आपका....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-56674048419441650172011-03-27T00:28:34.127+05:302011-03-27T00:28:34.127+05:30कितना मोहक, कितना सुन्दर वर्णन :)कितना मोहक, कितना सुन्दर वर्णन :)Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-48390578142438186442011-03-26T16:57:20.252+05:302011-03-26T16:57:20.252+05:30माटी का अपनत्व
और
माटी का मातृत्वमाटी का अपनत्व <br />और <br />माटी का मातृत्वदीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-62946187355124984552011-03-26T15:28:28.887+05:302011-03-26T15:28:28.887+05:30मुदिता जी,
अति सुन्दर ....बचपन के गलियारों कि और ...मुदिता जी,<br /><br />अति सुन्दर ....बचपन के गलियारों कि और ले जाती है ये पोस्ट ...प्रशंसनीय |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-87608378054695886072011-03-26T14:01:00.362+05:302011-03-26T14:01:00.362+05:30बहुत प्यारी और भाव पूर्ण रचना ...कब गयीं तुम देहर...बहुत प्यारी और भाव पूर्ण रचना ...कब गयीं तुम देहरादून ? बताया भी नहीं :(:(संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-65039073054014167052011-03-25T22:48:17.168+05:302011-03-25T22:48:17.168+05:30per wo apni si bilkul apni si yaaden to hain nper wo apni si bilkul apni si yaaden to hain nरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-19499494174480977352011-03-25T19:55:28.868+05:302011-03-25T19:55:28.868+05:30अपनी माटी और अपनी माटी की खुश्बू कौन भूल पाता है.....अपनी माटी और अपनी माटी की खुश्बू कौन भूल पाता है..बहुत मर्मस्पर्शी रचना..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.com