tag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post1374942398678360190..comments2024-03-27T12:38:50.758+05:30Comments on एहसास अंतर्मन के: संबल इक दूजे का हम तुम !!मुदिताhttp://www.blogger.com/profile/14625528186795380789noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-25715705779964357862011-06-01T07:27:48.989+05:302011-06-01T07:27:48.989+05:30जब साथ होता है तो बड़ी बड़ी लहरें भी कुछ बिगाड़ नह...जब साथ होता है तो बड़ी बड़ी लहरें भी कुछ बिगाड़ नहीं सकतीं । बहुत सुंदर रचना ।रजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-79556568697429774072011-05-31T13:08:21.430+05:302011-05-31T13:08:21.430+05:30सुंदर भावाभिव्यक्ति !सुंदर भावाभिव्यक्ति !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-2798210503191957172011-05-30T20:17:50.340+05:302011-05-30T20:17:50.340+05:30डूब के पार हो जाएँ साथी !प्रेम ही जीवन की है थाती ...डूब के पार हो जाएँ साथी !प्रेम ही जीवन की है थाती राह प्रज्ज्वलित करने हेतु दीपक बिन है व्यर्थ ही बाती ....<br /><br />कितने कोमल अहसास...बहुत सुन्दर प्रेममयी अभिव्यक्ति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-45052844562521481112011-05-30T12:46:41.094+05:302011-05-30T12:46:41.094+05:30तृण प्रेम का, बना है संबल भवसागर की इन लहरों में म...तृण प्रेम का, बना है संबल भवसागर की इन लहरों में मुक्त हो रही मन से अपने भले रहे तन इन पहरों में<br />लहरों का उत्पात रहेगा विचलित किन्तु कर न सकेगा दीप जला है प्रेम का अपने तिमिर पराजित हो के रहेगा <br /><br />बिल्कुल सही कहा………जब मन से मुक्त हो जाते हैं तब कहीं कोई अन्धेरा घायल नही कर सकता।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-51630959593919727622011-05-30T12:39:42.145+05:302011-05-30T12:39:42.145+05:30ये एह्सास कि कोई हमेशा हमारे साथ है.......ये वाकई ...ये एह्सास कि कोई हमेशा हमारे साथ है.......ये वाकई अपने आप में बहुत बड़ा संबल होता है........अच्छी-सच्ची रचना.....Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-46641771935812060142011-05-30T11:28:36.327+05:302011-05-30T11:28:36.327+05:30सुन्दर,सुन्दर अति सुन्दर.
"संबल इक दूजे का ह...सुन्दर,सुन्दर अति सुन्दर.<br />"संबल इक दूजे का हम तुम !!!.."<br /><br />मुदिता जी, आपका मेरे ब्लॉग पर इंतजार है.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-3999351694991983932011-05-30T09:56:11.284+05:302011-05-30T09:56:11.284+05:30तुम संग मैं हूँ मुझ संग हो तुम हो मत जाना लहरों मे...तुम संग मैं हूँ मुझ संग हो तुम हो मत जाना लहरों में गुम आयें जाएँ व्यवधान अनेकों संबल इक दूजे का हम तुम <br />संबल इक दूजे का हम तुम !!!.......<br />rahen saath hum tum , bahut shaktishali sambalरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com