tag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post1160468017227855523..comments2024-03-27T12:38:50.758+05:30Comments on एहसास अंतर्मन के: सफर-ए -मोहब्बतमुदिताhttp://www.blogger.com/profile/14625528186795380789noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-1230187390377896332010-05-26T18:29:53.240+05:302010-05-26T18:29:53.240+05:30सूखे आसुओं से भीगी पगडण्डी पर फिसलन - जबाब नहींसूखे आसुओं से भीगी पगडण्डी पर फिसलन - जबाब नहींAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8677941077759110922.post-16237017125200429802010-05-22T10:42:47.676+05:302010-05-22T10:42:47.676+05:30नमस्कार जी...
जिसे बेगाना कोई समझे,
उस से प्यार न...नमस्कार जी...<br /><br />जिसे बेगाना कोई समझे,<br />उस से प्यार न हो सकता..<br />जिसको अपना माने कोई..<br />प्यार उसी से हो सकता...<br /><br />अगर फिसल भी गए कभी तो,<br />आकर वही संभालेगा ...<br />गिरने न देगा वो तुमको..<br />पलकों पे वो बिठा लेगा .<br /><br />हमेशा की तरह सुन्दर कविता...<br /><br />दीपक शुक्ल...Deepak Shuklahttps://www.blogger.com/profile/02437731202200979518noreply@blogger.com